Monday, November 17, 2014

* इश़्क़ की आग...

 आग-ए-इश्क़ जला ले दिल में, बन आश़िक-ए-खुदा
पौष की रात कट जायेगी, सूरज चढ़ेगा होगी सुबहा ।।
(हिन्दू पंचांग के अनुसार साल के दसवें माह का नाम पौष हैं। इस मास में हेमंत ऋतु होने से ठंड अधिक होती है।)
- ICoBhaLo

* Be positive-behavioral-person...

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Positive-beliefs
and positive-behaviour makes us perfect and succeed . The behaviour is a combination-pack of 'Attitude' and 'Speech' .
Attitude
means... posture of body or Syle, like : talking-style, walking-style, standing-style, sitting-style, Hairing-style, wearing-style and all other styles .
Speech
means... words and phrases .
If our 'Attitude' and 'Speech' are positive, then... we are positive-behavioral-persons .
- ( Icobhalo )

* RESPECT OTHERS v/s RESPECT YOUR-SELF...

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दोस्तों एक कथन (Quotation) है कि... "Respect others, you will be respected ." इसके अतिरिक्त एक और कथन है कि... "Respect your-self, you will be respected ." आप प्राथमिक-रूप में प्रथम कथन को प्रयोग में लाया करें ।
अब जब आप दूसरों को Respect दे रहे हैं तो दूसरे भी आपको Respect दे रहे होंगे, लेकिन उन दूसरों में कुछ लोग ऐसे भी निकलेंगे जोकि तब भी आपको Disrespect कर रहे होंगे । तो दोस्तों हिन्दी में एक कहावत है कि... "कुत्ते को घी हज़म नहीं होता" , वे कुछ लोग एैसे ही हैं कि वे 'Respect' को हज़म नहीं कर पाते हैं, तो एैसे लोगों के साथ व्यवहार करते समय अपनी-Respect (Self-Esteem) का विशेष ध्यान रखें उसे कम न होने दें । एैसा देखा गया है कि... जब आप इन कुछ-लोगों को 'Disrespect' करते हैं तो ये आपकी 'Respect' करना शुरू कर देते हैंं ।
दोस्तों व्यवहार-कुशल बनें, एैसे कुछ लोगों के साथ व्यवहार करते समय दूसरे-कथन को प्रयोग में लाया करें कि... 'Respect your-self, you will be respected ." । दूसरे आपको कैसे सन्बोधन करते हैं उससे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि आप अपने आप को कैसे सन्बोधन करते हैं । अहंकारी कदापि न बनें किन्तु आत्म-सन्मानित (Self-Esteemed) अवश्य बनें ।
- (इकोभलो)

Sunday, June 9, 2013

(नग़मा) मैं ना शेर बनूँगा ना ही सियार बनूँगा...

ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः
मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
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इन्सान हूँ इन्सान कहूँगा, ना कि भगवान । 
ना मैं रहमान, और ना ही शैतान कहूँगा ।।
इन्सानियत की ख़ातिर सभी ठोकरें सहूँगा ।।।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।।।
..
मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।

 
 ठुकराओ मुझको, तभी तो मैं 'सुर्खरू' होऊँगा ।
ठुकराने वालों को, इक शायर का शेअर बोलूँगा ।।
कि 'सुर्ख़रू' होता है इन्साँ, ठोकरे खाने के बाद ।।।
रँग लाती है हिना, पत्थर पे घिस जाने के बाद ।।।।
..
 
मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
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खुद में संकीर्णता की सभी दीवारे ढ़ाऊँगा ।
हदों को हटा के, सभी को अपना कहूँगा ।।
सीमाओं को मिटाकर कोस्मोपोलिटन बनूँगा ।।।
छाती तानकर नहीं दिल बड़ा करके तनूँगा ।।।।
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मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
..
ना पँजाब केसरी, ना ही शेरे-पँजाब बनूँगा ।
ना शेरे उत्तर-प्रदेश, हरियाणा दिल्ली कहूँगा ।।
इन्साने-अल्लाह हूँ, इन्साने-अल्लाह रहूँगा ।।।
नर नारायण का हूँ खुद को शेर नहीं कहूँगा ।।।।
..
मैं ना शेर बनूँगा, ना ही सियार बनूँगा ।
इन्सान की औलाद हूँ, इन्सान ही रहूँगा ।।
-इकोभलो

Wednesday, April 10, 2013

* जीवन मर्त्यु  एवम  जन्म...

Go to My Spiritual/Religious Blog : ICoBhaLo जीवन मर्त्यु  एवम   जन्म   :-   जीवन मर्त्यु के अतिरिक्त एक तीसरा शब्द है जन्म । जीवन जब मिर्त्यु (5-तत्व) में आता उसे जन्म कहते है । ~...

* पहेली... ( शायरी अन्दाज में )...


पहेली बूझो तो,  क्या है सौत-ओ-चिराग दिल्ली ।
बूझ लिया तो वाह वाह
है , नहीं तो उड़ेगी खिल्ली ।।

बूझा-हल...
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सारे जहान को रोशन, करता है एक चिराग ।
चिराग दिल में है, वो दिल है दिले-दिमाग ।।
चिराग में गैबी-सौत है, सौत हयात का आब ।
आब बनाता बन्दे को, आज़ाद मस्ताना साब ।।
~ICoBhaLo~

Saturday, July 7, 2012

BOOJHAA HAL

Saarey jahaan ko roshan kartaa hai ek chiraag...!   CHIRAAG DIL MEY HAI, VO DIL HAI DIL~A~DIMAAG...!!        Chiraag mey gaibee sout hai, Sout hayaat kaa aab...!!!    AAB BANAATAA BANDEY KO AAZAAD MASTAANAA SAAHAB...!\/